काला-जार चिकित्सा अनुसंधान केंद्र (के.ए.एम.आर.सी.)
की स्थापना 1994 में प्रो. (डॉ.)
श्याम सुंदर ने सीताराम मेमोरियल ट्रस्ट की एक इकाई के रूप में की थी, जो बिहार
के मुजफ्फरपुर में रामबाग रोड में स्थित है। पिछले दो दशकों से प्रो. (डॉ.)
श्याम सुंदर के निर्देशन में अनुसंधान केंद्र के प्रशासक अनिल शर्मा के समर्पित प्रशासन के तहत के.ए.एम.आर.सी. ने कालाजार
रोग को जड़ से खत्म करने के मिशन पर लगातार ध्यान केंद्रित किया है।
भारत गणराज्य की राज्य और केंद्र सरकारों द्वारा मान्यता प्राप्त के.ए.एम.आर.सी.
कई वैज्ञानिकों, डॉक्टरों, पैरामेडिकल कर्मियों और विविध पृष्ठभूमि से आए स्वयंसेवकों के अथक प्रयासों से संचालित है। जिनका सामूहिक लक्ष्य इस बीमारी के बारे में जागरूकता बढ़ाना और प्रभावी उपचार प्रदान करना है, जो मुख्य रूप से समाज के सबसे गरीब तबके को प्रभावित करती है।
बिहार के मुजफ्फरपुर में स्थित कालाजार चिकित्सा अनुसंधान केंद्र (के.ए.एम.आर.सी.)
कालाजार रोग के उन्मूलन के लिए समर्पित है। जो सार्वजनिक स्वास्थ्य के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता के साथ इस दुर्बल बीमारी से प्रभावित रोगियों की व्यापक देखभाल प्रदान करता है। के.ए.एम.आर.सी. काला-ज़ार
के मरीजों और उनके परिवारों के सामने आने वाली चुनौतियों को समझते हुए उनके इलाज के दौरान एक सहायक वातावरण को बढ़ावा देते हुए उपचार, दवाइयाँ, चिकित्सा
जाँच और अस्पताल में भर्ती सहित कई तरह की सेवाएँ निःशुल्क प्रदान करता है, जिससे यह सुनिश्चित
होता है कि रोगियों को बिना किसी वित्तीय बोझ के उच्चतम गुणवत्ता वाली देखभाल मिले। यह समग्र दृष्टिकोण जरूरतमंद लोगों के लिए इलाज को सुलभ और किफायती बनाने के लिए केंद्र के समर्पण को रेखांकित करता है।
अपनी व्यापक अत्याधुनिक शोध सेवाओं और उत्कृष्टता के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के माध्यम से केएएमआरसी न केवल काला-ज़ार के उन्मूलन
की दिशा में काम करता है बल्कि यह सुनिश्चित करता है कि प्रत्येक रोगी को सर्वोत्तम संभव देखभाल मिले और उनके गंभीर स्वास्थ्य समस्या का पूर्ण समाधान हो सके।
DAINIK BHASKAR (08-08-2024, MUZAFFARPUR BIHAR EDITION, PAGE NO. 11) |